भोजपुरी फिल्मों में बहुत ही कम समय में अपनी पहचान बनाने वाली अक्षरा सिंह आज भोजपुरी की टौप की फिल्म अदाकारा के रूप में जानी जाती हैं. अक्षरा सिंह भोजपुरी फिल्मों के अलावा छोटे परदे पर भी अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरती रही हैं. वे अभिनय के साथ-साथ गायन में भी दिलचस्पी रखती हैं. उन्हें अभिनय विरासत में मिला है. उनके पिता विपिन सिंह भोजपुरी फिल्मों के कलाकार हैं, तो उन की माता नीलिमा सिंह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कलाकार के साथसाथ थिएटर आर्टिस्ट भी हैं.

आज के दौर में अक्षरा सिंह भोजपुरी की सब से महंगी हीरोइनों में गिनी जाती हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:

आप का ऐक्टिंग के क्षेत्र में आना कैसे हुआ?

मैं ऐसे माहौल में पलीबढ़ी हूं जहां लाइट, कैमरा, ऐक्शन मेरे लिए आम बात है, क्योंकि मेरे मम्मीपापा दोनों ही फिल्म जगत में काफी अरसे से हैं और काफी जानेमाने फिल्म कलाकार हैं.पापा विपिन सिंह और मम्मी नीलिमा सिंह के साथ मेरा बचपन बीता जिस के चलते धीरेधीरे मेरी दिलचस्पी ऐक्टिंग की तरफ बढ़ती गई. मम्मीपापा से प्रभावित हो कर मैं ने कालेज के दौरान थिएटर में काम करना शुरू किया और उन से ही ऐक्टिंग की बारीकियों को सीखते हुए फिल्म जगत में कदम रखा. वैसे तो मैं बचपन में डांसर और गायिका के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहती थी, लेकिन भोजपुरी फिल्मों में मेरा आना अचानक ही हुआ क्योंकि फिल्म जगत से जुड़े तमाम लोगों का मेरे घर आनाजाना रहता था. एक दिन हीरो रविकिशन मेरे घर आए और उन्होंने मेरे मम्मीपापा से मेरे लिए फिल्मों में ऐक्टिंग करने का औफर रखा. मेरे मम्मी-पापा ने मुझे फिल्म में काम करने के लिए हां कर दिया. उस समय मैंने रविकिशन जैसे सुपरस्टार के साथ पहली फिल्म ‘प्राण जाई पर वचन ना जाई’ और ‘सत्यमेव जयते’ जैसी फिल्में की थीं.

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