यदि कुछ भारतीय कलाकार हौलीवुड जाकर काम करने के दीवाने हैं, तो वहीं पिछले कुछ वर्षों से विदेशी कलाकारों को बौलीवुड अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है. ब्राजीलियन मौडल नतालिया कौर (Nathalia Kaur) (पूरा व असली नाम-नतालिया पिनहेइरो फिलिप मार्टिंन्स) 2012 से बौलीवुड व दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनय करते हुए खुद को भारतीय अभिनेत्री कहने लगी हैं. वैसे भी नतालिया की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं. नतालिया के दादा जी पंजाबी यानी कि भारतीय और दादी पुर्तगाली थीं. 2012 में एक मौडलिंग के लिए ही तीन माह के लिए भारत आयी थी. यहां उन्हे मौडलिंग के साथ ही कन्नड़ फिल्म ‘‘देव सन आफ मुद्डे गौड़ा’’ मिली, उसके बाद ‘डिपार्टमेंट’ सहित कुछ हिंदी फिल्मों में वह स्पेशल अपियरेंस के रूप में अभिनय करती रही. पर अब वह फिल्म ‘‘गंस औफ बनारस’’ (Guns of Banaras) में हीरोईन बनकर आ रही है, जो कि 28 फरवरी को रिलीज होगी.

प्रस्तुत है उनसे हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश -

आप ब्राजील में मौडलिंग कर रही थी. फिर आपने ब्राजील को छोड़कर भारत, मुंबई और बौलीवुड में करियर बनाने की बात क्यों सोची?

- मैं हमेशा कहती हूं कि मैने भारत या मुंबई को नहीं चुना, बल्कि भारत ने मुझे चुना. मैं पहली बार ब्राजील से बाहर मौडलिंग के लिए तीन माह के लिए भारत आयी थी. पर यहां पर मुझे मौडलिंग का इतना काम मिला कि मैं दो वर्ष के लिए रूक गयी. इन दो वर्षों में मुझे भारत और भारतीयों से प्यार हो गया. यहां मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री, यहां जिस तरह से फिल्में बनती हैं, जिस तरह से लोग काम करते हैं, वह सब मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था. यह सब बहुत अमेजिंग लगा. मुझे लगा कि मैं वंडरलैंड पहुंच गयी हूं. बहुत खूबसूरत देश है. ऐसा लगता है जैसे कि हम जगते हुए दिन में सपना देख रहे हों.

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