कन्या हो तो उसे कोख में ही मार दिया जाए. डा. इम्तियाज और उस के साथी यही सब कर रहे थे. लेकिन अब...
आमतौर पर आप ने कुख्यात अपराधियों के हिस्ट्रीशीटर होने की बात सुनी और पढ़ी
होगी. पुलिस और कानून की भाषा में हिस्ट्रीशीटर वे होते हैं, जो बारबार अपराध कर आम जनता के लिए खतरा बन जाते हैं. ऐसे अपराधी की उस के रिहायशी इलाके वाले पुलिस थाने में हिस्ट्रीशीट खोल दी जाती है. इस में उस शख्स के अपराधों का पूरा ब्यौरा होता है.  शांति व्यवस्था कायम करनी हो या चुनाव वगैरह शांति से निपटाने हों, तो सब से पहले उस इलाके की पुलिस हिस्ट्रीशीटर को पाबंद करती है. यहां तक कोई भी बड़ा अपराध होने पर सब से पहले हिस्ट्रीशीटर को ही तलब कर पूछताछ की जाती है, ताकि अपराधियों तक पहुंचा जा सके. हिस्ट्रीशीटर को संबंधित पुलिस थाने में निश्चित समयावधि में हाजिरी भी देनी होती है.
लेकिन कोई अच्छा भला डाक्टर भी हिस्ट्रीशीटर हो सकता है, यह बात कल्पना से परे है. कोई कल्पना या यकीन करे न करे पर इस कहानी का अहम किरदार डा. इम्तियाज अली रंगरेज संभवत: देश का पहला हिस्ट्रीशीटर डाक्टर है. इस डाक्टर पर आरोप है कि उस ने हजारों बेटियों को महिलाओं को कोख में ही मार डाला है.
राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले डा. इम्तियाज ने सन 2004 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. इस के बाद वह राजस्थान में सरकारी अस्पताल में नौकरी करने लगा. नौकरी करते हुए 2 साल में वह 4 बार भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा गया.

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