छत्तीसगढ़ के भिलाई में सब्जियों को खतरनाक रसायनों से "सब्जी ताजा" बनाने का खेल अधिकारियों ने पकड़ा और उन्हें सिर्फ जुर्माना लगाकर छोड़ दिया. यह एक गंभीर अपराध सामाजिक और कानूनी दृष्टि दोनों से है, मगर हमारे देश का माहौल कुछ ऐसा बन चुका है कि कोई कितना ही बड़ा अपराध कर ले जुर्माना लेकर उसे छोड़ दिया जाता है और वह पुनः वही अपराध करने लगता है. इसलिए आप जब सब्जियां लेने बाजार पहुंचे तो सब्जियों और फलों के "चटक रंगों" को देखकर यह न समझ ले कि यह ताजे हैं.आप जरा रुक जाइए! और पड़ताल कर लीजिए की ये सब्जी, फल जहरीले रंगों से रंगे तो नहीं हैं.
छत्तीसगढ़ की स्टील नगरी के रूप में देश दुनिया में प्रसिद्ध भिलाई नगर में ऐसा एक मामला सामने आया है. नगर निगम भिलाई की एक टीम को इसकी बारंबार शिकायत मिल रही थी और जब यह टीम मौके पर पहुंची तो सच देखकर उसकी भी हाथों के तोते उड़ गए . आखिरकार, टीम ने सब्जियों को रंगने का सनसनीखेज खुलासा किया है. जो छत्तीसगढ़ में अपने आप में पहला है. यहां हम बताना चाहेंगे कि छत्तीसगढ़ सहित देश की हर छोटे-बड़े शहरों में आजकल यह खेल आम हो गया है और धड़ल्ले से सिर्फ चंद रुपयों की खातिर जहरीले रसायनों के द्वारा फलों और सब्जियों को रंगा जा रहा है जो बेहद नुकसानदायक है.
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स्थिति बेहतर रूप से कुछ ऐसी त्रासदी पूर्ण हो गई है कि सुनी सुनाई खबरों के के बाद और तथ्यात्मक रूप से सच को जानने के बावजूद आम जन को इससे बचने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में सरकार और न्यायालय दोनों की ओर जनता आशा से निहार रही है.
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