राजधानी की सियासत इन दिनों नेताओं के नाम को लेकर गरमाई हुई है. ‘आप' नेता आतिशी मार्लेना (अब आतिशी) के नाम से मार्लेना शब्द हटाने के एक दिन बाद आशुतोष ने बुधवार को ट्वीट किया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नाम के आगे जाति लिखने के लिए मुझे बाध्य किया गया था.

भाजपा भी मामले में कूदी और ‘आप' पर जातिवादी राजनीति का आरोप लगाया. उधर, दक्षिणी निगम ने तय किया है कि उसके नए मुख्यालय का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. इससे पहले रामलीला मैदान का नाम बदलने के मामले में भाजपा को सफाई देनी पड़ी थी.

चुनाव में जाति लिखने को बाध्य किया गया : आशुतोष

‘आप' नेता आतिशी मार्लेना के नाम से मार्लेना शब्द हटाने पर सवालों से घिरी आम आदमी पार्टी के लिए बुधवार को आशुतोष के एक ट्वीट ने मुश्किल खड़ी कर दी. आशुतोष ने ट्वीट कर कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव में उनके विरोध के बाद भी जीत हासिल करने के लिए उन पर अपनी जाति सार्वजनिक करने का दबाव बनाया गया. हालांकि, थोड़ी देर बाद ही उन्होंने इसे लेकर अपनी सफाई भी दी.

आशुतोष ने बुधवार सुबह अपने ट्वीट में लिखा-मैंने अपने 23 वर्ष की पत्रकारिता के दौरान कभी अपनी जाति का इस्तेमाल नहीं किया. किसी ने मुझसे कभी भी मेरी जाति या उपनाम भी नहीं पूछा. मैं केवल मेरे नाम से जाना जाता रहा. मगर, वर्ष 2014 में जब लोकसभा (चांदनी चौक) उम्मीदवार के तौर पर मुझे पार्टी कार्यकर्ताओं से रूबरू करवाया गया तो मेरा उपनाम भी बताया गया. मैंने उपनाम बताने को लेकर विरोध किया था.

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