हाजगह : असम के गुवाहाटी का हातीगांव. तारीख : 12 दिसंबर, 2019. समय : शाम के 6.15 बजे.

स्कूल में पढ़ने वाला एक 16 साला छात्र सैम स्टेफर्ड अपनी मां से मोबाइल फोन पर कहता है, ‘‘मां, नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए सभी लोग गुवाहाटी की सड़कों पर उतर आए हैं. मैं भी वहीं हूं. मेरी चिंता मत करना.’’

सैम स्टेफर्ड तलासील प्लेग्राउंड में हो रहे विरोध प्रदर्शन में ‘नो कैब’ का नारा लगाते हुए अपने घर लौट रहा था कि अचानक पुलिस की गोली चली और कुछ देर छटपटाने के बाद सैम स्टेफर्ड का शरीर शांत हो गया.

दिसंबर का महीना असम के लिए अच्छा नहीं रहा. पूरा गुवाहाटी शहर 10 दिसंबर से परेशान था. इस परेशानी की वजह नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को लोकसभा में पास कराना था. इस के विरोध में उत्तरपूर्व क्षेत्रीय छात्र संघ ने 11 घंटे का पूर्वोत्तर बंद रखा था.

नया नागरिकता बिल पास होने के बाद इस के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए और रैलियां निकालीं. सड़कों पर टायर जला कर विरोध प्रदर्शन के साथ असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और वित्त मंत्री हिमंत विश्व सरमा मुरदाबाद के नारे लगाए गए.

पूर्वोत्तर में चारों तरफ नागरिकता कानून के विरोध की आग भड़की. दिसपुर सचिवालय के सामने सरेआम उपद्रवियों ने गाडि़यों में आग लगाई. अहिंसक आंदोलन को हिंसा का रूप लेने में देर नहीं लगी. पुलिस ने बारबार लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोडे़.

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इस के बाद सेना को सड़कों पर उतारा गया और कर्फ्यू लगाने के साथ इंटरनैट सेवा बंद कर दी गई. यही रवैया ऊपरी असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चबुआ, गोलाघाट, तेजपुर समेत पूर्वोत्तर में यह आंदोलन और ज्यादा बढ़ा.

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