छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल सीमेंट के मसले पर इन दिनों विपक्ष भाजपा और आम जनता के निशाने पर है. कांग्रेस की सरकार आने के बाद अब धीरे-धीरे ही सही माफियाओं के मुंह खुलने लगे हैं. जिनमें सबसे आगे है- सीमेंट के बड़े कारोबारी और फैक्ट्रियां.  यह चर्चा सरगम है कि फैक्ट्रियों को खुली छूट दे दी गई है, की दाम आप बढ़ा लो! सत्ता और सीमेंट किंग आपस में एक हो चुके हैं. परिणाम स्वरूप सीमेंट के भाव बेतहाशा बढ़ते चले गए. लगभग प्रति बैग 20 रुपये  का अतिरिक्त भार अब उठाना होगा.

प्रदेश में इस मसले पर एक तरह से हाहाकार मचा हुआ है सीमेंट के साथ-साथ रेत माफिया भी करोड़ों रुपए का खेल कर रहा है. वहीं यह भी खबर आ रही है कि स्टील के दाम भी बढ़ने जा रहे हैं. यह सब भूपेश बघेल की सरकार के समय हो रहा है जिन्होंने लंबे समय तक विपक्ष की राजनीति करते हुए इन्हीं मसलों पर डॉक्टर रमन सरकार को घेरा था.

ये भी पढ़ें- तानाशाह है सरकार एसआर दारापुरी: रिटायर्ड आईपीएस और सामाजिक कार्यकर्ता

इधर सीमेंट की कीमतों में हो चुके  इजाफे से  सियासत गरमाते जा रही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कीमतों में बढ़ोत्तरी को लेकर राज्य सरकार पर उद्योगपतियों से सांठगांठ का खुला  आरोप लगा दिया  है. कौशिक ने कहा कि महीनेभर के भीतर दो बार सीमेंट के दाम बढ़ना कई सवाल खड़ा करता है. उद्योगपतियों और सरकार की मिलीभगत से छत्तीसगढ़ की जनता के जेब मे "डाका" डाला जा रहा है.कौशिक ने कहा कि सरकार जिस प्रकार से गुपचुप तरीके से उनके साथ बैठकें कर रही है, उस समय आरोप लगाया था कि सीमेंट के दामों में वृध्दि होगी. लेकिन उनके प्रवक्ता ने कहा था कि धरमलाल कौशिक के पास कोई काम नहीं है. मैं जिस बात को बोलता हूं प्रमाणिकता के साथ बोलता हूं, आज वो बात सच साबित हो गई कि ये लोग सीमेंट के रेट को कैसे बढ़ा रहे हैं. सरकार ने उद्योगपतियों के सामने घुटने टेक दिए हैं, इसका क्या कारण है वो मैं नहीं जानता लेकिन इनकी मिलीभगत से ये संभव नहीं है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...