सोमवार को हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट में छपी एक खबर इस समय पूरे भारत के लिए चिंता का कारण बनी हुई है. इस खबर के अनुसार, चीन तिब्बत में बहने वाली सांगपो नदी से एक हजार किलोमीटर लंबी एक सुरंग बनाएगा, जो सांगपो के पानी को शिनजियांग प्रांत के रेगिस्तान तक पहुंचाएगी. अखबार ने इस सुरंग की परिकल्पना को चीनी इंजीनियरों के कमाल के रूप में पेश किया है. खबर में यह भी कहा गया है कि जब इसका पानी शिनजियांग के रेगिस्तान में पहुंचेगा, तो वह कैलिफोर्निया की तरह लहलहा उठेगा.

सांगपो तिब्बत के पठार में मानसरोवर झील से निकलने वाली वह नदी है, जिसे हम भारत में ब्रहमपुत्र कहते हैं. यह नदी भारत और बांग्लादेश के एक बड़े हिस्से की जीवन रेखा है. अगर इसका रुख मोड़ा गया, तो भारत की सबसे चौड़े पाट वाली नदी ब्रहमपुत्र के सूखने का खतरा खड़ा हो जाएगा. साथ ही वह संस्कृति भी खतरे में पड़ जाएगी, जो इस पानी के आस-पास विकसित होकर फल-फूल रही है. वैसे ऐसी खबरें पहले भी आती रही हैं कि चीन कई बांध बनाकर भारत की तरफ होने वाले जल के प्रवाह को रोकना चाहता है. तब चीन का तर्क था कि वह ब्रहमपुत्र पर कोई बांध नहीं बना रहा, हां उसकी कुछ सहायक नदियों पर बांध जरूर बना रहा है.

लेकिन ताजा खबर सीधे-सीधे यही कहती है कि सांगपो नदी का पानी शिनजियांग के रेगिस्तान में भेजा जाएगा. हालांकि चीन सरकार के प्रवक्ता ने अगले ही दिन इस पूरी खबर का खंडन कर दिया, लेकिन अखबार में जिस विस्तार से यह खबर छपी है, इसे तुरंत ही खारिज भी नहीं किया जा सकता. संभव है कि चीन अभी इसका खुलासा न करना चाहता हो. वैसे अखबार के हिसाब से भी चीन की यह भावी योजना है और दुनिया की यह सबसे लंबी सुरंग बनाने से पहले इंजीनियर एक कम लंबी सुरंग का प्रयोग कर रहे हैं.

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