महाराष्ट्र में महा अघाडी गठबंधन के बाद जिस बात के कयास लगाए जा रहे थे वो अब हकीकत बनने के नजदीक पहुंच गया. राजनीति में 13 सालों के अतीत के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने नए झंडे, चिन्ह और नई विचारधारा के साथ नई शुरुआत की. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने पार्टी के नए झंडे का अनावरण किया, जो गहरे भगवा रंग का है. इसके साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन की मुद्रा (रौयल सील) को चिन्ह के तौर पर जारी किया गया. पार्टी का भव्य सम्मेलन गोरेगांव में एनएसई ग्राउंड में अयोजित किया गया.

पिछले दिनों महाराष्ट्र की राजनीति में कैसी उठा पटक रही पूरे देश ने देखी और समझी. सीएम उद्धव ठाकरे के पिता बाला साहेब ठाकरे की कट्टर हिंदुत्व वाली राजनीति के विपरीत जाकर फैसला किया कि वो स्टेट में सरकार बनाए. हुआ भी कुछ ऐसा ही. काफी ड्रामेबाजी के बाद एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने मिलकर सरकार बनाई. इसके बाद से एक बात का अंदेशा लग रहा था. कई राजनीतिक पंडितों का अनुमान था कि अब हो सकता है कि बीजेपी और मनसे चीफ राज ठाकरे की कुछ न कुछ नजदीकियां हो जाएं. और अब कुछ वैसा ही हो रहा है.

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राज ठाकरे ने मुंबई में कहा कि भगवा झंडा साल 2006 से मेरे दिल में था. हमारे डीएनए में भगवा है. मैं मराठी हूं और एक हिंदू हूं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमान भी अपने हैं. उन्होंने इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया. मनसे प्रमुख ने कहा कि मैं हमेशा कहता रहा हूं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के घुसपैठियों को देश से बाहर फेंक देना चाहिए.

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