दुनिया भर में आतंकवाद अपने चरम पर है. आश्चर्य की बात यह है कि आतंकवाद से घिरा पाकिस्तान कुछ आतंकियों की फैक्ट्री है. पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवादी चोरीछिपे सीमा पार आ कर कश्मीर में न केवल आतंक फैलाते हैं, बल्कि स्थानीय युवकों को भड़का कर उन्हें आतंकवादी बनने को प्रेरित करते हैं. कई युवक बहक कर आतंकवादी बन भी जाते हैं. ऐसे ही युवकों में था कश्मीरी युवा माजिद इरशाद खान. गनीमत रही कि आतंकवादियों की तरह उस की अंतरात्मा नहीं मरी थी, जिस की वजह से वह मां की पुकार सुन कर घर लौट आया.

माजिद ने आतंकी संगठन में शामिल होने का इरादा 29 अक्तूबर को एक फेसबुक पोस्ट में किया था. उस ने पोस्ट में लिखा, ‘जब शौक-ए-शहादत हो दिल में, तो सूली से घबराना क्या.’ बताते हैं कि माजिद अपने खास दोस्त यावर निसार शेरगुजरी की वजह से आतंकी बना. यावर जुलाई में एक आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था, लेकिन एक महीने में ही सुरक्षाबलों की गोलियों ने उस के प्राण लील लिए. दोस्त की मौत से माजिद इतना दुखी हुआ कि आतंकी बनने का फैसला कर लिया. ऐसा उस ने किया भी. वह लश्करएतैयबा में शामिल हो गया. लेकिन यह आतंकी संगठन उसे रोक नहीं पाया.

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दरअसल, माजिद की मां, पिता और दोस्तों ने उस से घर लौट आने की अपील की थी. उस की मां ने एक वीडियो में उसे संदेश देते हुए भावुक हो कर कहा था, ‘माजिद बेटे, लौट आओ और हमारी जान ले लो, फिर चले जाना. हमें यहां किस के लिए छोड़ गए हो?’

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