किसी समय भांगड़ा केवल पंजाबियों का लोकनृत्य हुआ करता था. लेकिन इस लोकनृत्य का फिल्मों में बहुतायत से प्रयोग होने से इस का प्रचारप्रसार इतना हुआ कि हर समुदाय के लोग अपने खास कार्यक्रमों में ढोल बजवा कर भांगड़ा नृत्य कर अपनी खुशियों का इजहार करते हैं. अब यह नृत्य पंजाबियों से निकल कर पूरे देश में ही नहीं, विदेशों में भी पहुंच चुका है.

दरअसल, इस नृत्य पर जब ढोल बजाया जाता है तो उस की ताल और थाप इतनी प्रभावी होती है कि न नाचने वाले के भी पैर थिरकने लगते हैं.

ढोल और नगाड़ा बजाने में अभी भी पुरुषों का ही प्रभुत्व है. इस क्षेत्र में महिलाएं रुचि नहीं दिखातीं. लेकिन लंदन की रहने वाली पर्व कौर ने इस क्षेत्र में कदम रख कर अपना अलग मुकाम बना लिया है. आज वह लंदन की पहली ढोल प्लेयर बन गई हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने अपना एक ग्रुप भी बना लिया है.

पर्व कौर लंदन में रहने वाले बलबीर सिंह की बेटी हैं. बलबीर सिंह लंदन में भांगड़ा संगीत के पायनियर हैं.

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वह भांगड़ा लोकसंगीत के अच्छे जानकार हैं. उन्होंने अपने बड़े भाई दलबीर सिंह के साथ सन 1967 में लंदन में पंजाबी लोकगीतों और नृत्यसंगीत के संयोजन को पेश किया था. उस कार्यक्रम में उन की प्रस्तुति को बहुत सराहा गया था.

इस के बाद बलबीर सिंह ने भांगड़ा नृत्यसंगीत और पंजाबी लोकगीतों की अनेक स्थानों पर प्रस्तुतियां दीं. लोग उन की प्रस्तुति के मुरीद बनते गए. बाद में उन्होंने कई देशों में भी अपने कार्यक्रम पेश किए. वह इतने लोकप्रिय हो गए थे कि सन 2001 में गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड्स ने ब्रिटेन में भांगड़ा संगीत के पायनियर्स के रूप में उन का नाम दर्ज किया.

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