नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. बिल पास होने तक ये विद्रोह पूर्वोत्तर के राज्यों तक ही सीमित था लेकिन अब ये देश के ज्यादातर हिस्सों तक फैल चुका है. यूपी में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई. फिलहाल अभी तक यूपी के कई हिस्सों में रह रहकर प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ रहे हैं और पत्थरबाजी और आगजनी कर रहे हैं. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, वाटर कैनन जैसे प्रसाधनों से उन पर काबू पाने की कोशिश कर रही है.

शनिवार को कानपुर और रामपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. रामपुर में एक की मौत हो गई. अन्य जिलों में छिटपुट घटनाएं हुई हैं. पुलिस के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों के दौरान 11 दिनों के भीतर 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 705 गिरफ्तारियां हुई हैं. 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

आईजी (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार के मुताबिक, "पूरे प्रदेश में 10 दिसंबर से लेकर अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसक प्रदर्शनों में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस हिंसाग्रस्त इलाकों में गश्त कर लोगों से शांति की अपील कर रही है."

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अब लखनऊ समेत 15 जिलों में सोमवार को दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद रहेंगी. मोबाइल ऑपरेटरों को गृहमंत्रालय द्वारा आदेश भेजे गए हैं. लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफरनगर, गाजियाबाद, बरेली, मऊ, संभल, आजमगढ़, आगरा, कानपुर, उन्नाव, मुरादाबाद, प्रयागराज शामिल हैं. अन्य जिलों में भी इंटरनेट सेवाओं को बंद रखने का फैसला वहां के डीएम पर छोड़ा गया है. स्थितियों के अनुरूप वे इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर सकते हैं.

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