भले ही आप के घर सरकारी नल जल योजना का पानी नहीं आया हो, भले आप हर महिने नगर निगम को सरकारी पानी का सारा टैक्स भरते होंगे और तब भी एक भी सरकारी नल का आप के आंगन में न हो. लेकिन तब भी आप इस योजना का पूरा का पूरा लुफ्त उठा रहें होंगे, ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है.

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि मानसून में आयी देरी ने भी हमें बरसात वाले अहसास से दूर नहीं होने दिया. अब इस योजना की सार्थकता ही है कि जमीन के सीने से खिंचा हुआ पानी फिर जमीन पर ही बहता मिलता है. अब इसके लिए मजबूत पाइप लाइन जिम्मेदार है या हमारे यहां की पब्लिक उस पर बात करना एक अलग ही वाद विवाद को जन्म देना होगा.

जी हां कहीं फटी हुई पाइप से कल कल बहता पानी, तो कहीं बिना टोंटी के पाइप से छुटता फव्वारा और नहीं तो बिना मतलब बाल्टी के पैमाने से बाहर बहता पानी. ये सब हमारे यहां के नल जल योजना की निशानी है. बिहार सरकार के इस अद्भुत योजना की सार्थकता ही है जो भले लोगों को पीने को शुद्ध जल मयस्सर न हो पर सड़कों पर जमा पानी बरसात की कमी को महसूस नहीं होने देता है.

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बारिश की बुंद तन को है तो भीगोती है साथ ही साथ मन को आह्लादित कर देती है. पर जब यही बारिश का पानी पोखर, नालों और सड़कों को एक कर देता है तो सब गोबर हो जाता है. यही हाल हम लोगों का है मानसून की कमी से भले मन न भीगता हो पर गोबर जरूर हो जाता है. क्योंकि हर घर नल योजना से भले घरों तक जल नहीं पहुंचे पर सड़कों पर जलजमाव जैसी स्थिति अवश्य हो जाती है.

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