17 फरवरी 2005 को पहला टी-20 मैच खेला गया. ये मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. याद आता है जब इस फॉर्मेट की शुरूआत हो रही थी तो कई बड़े दिग्गजों ने इसे हानिकारक बताया था. तब कहा गया था कि इस खेल से गेंदबाजों का दमन हो जाएगा. वास्तव में हम सब कुछ ऐसा ही सोचते थे. मैदान पर हर गेंद पर बढ़ता रोमांच. दर्शकों को भी खूब आनंद आता है. 20 ओवर का खेल होता है. 10 विकेट हाथ में होतें हैं. इस फॉर्मेट में बस एक सिद्धांत लागू  होता है वो है बस हिटिंग. ऐसा हमने कई बार देखा भी.

पहला आधिकारिक टी-20 मैच 17 फरवरी, 2005 को ऑकलैंड में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. उस मैच में बल्लेबाजों ने अपनी चमक बिखेरते हुए 40 ओवरों में 384 रन बनाए थे लेकिन उसी मैच में ऑस्ट्रेलिया के माइकल कास्प्रोविच ने चार ओवर में 29 रन देकर चार विकेट लेकर साबित कर दिया था कि क्रिकेट के इस सबसे तेज फॉरमेट में गेंदबाजों की अहमियत हमेशा बरकरार रहेगी.

इसी तरह का एक वाक्या रविवार को नागपुर में हुआ, जहां भारत के तेज गेंदबाज दीपक चहर ने हैट्रिक के साथ सात रन देकर छह विकेट लिए और बल्लेबाजों की चमक फीकी करते हुए न सिर्फ भारत को बांग्लादेश पर बड़ी जीत दिलाई बल्कि विश्व रिकार्ड भी कायम किया.

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युवा गेंदबाज दीपक चाहर किसी एक टी-20 मैच में सबसे अच्छी गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी बने. दीपक के अलावा श्रीलंका के अजंता मेंडिस (8-6 और 16-6) तथा भारत के युजवेंद्र चहल (25-6) ने ही टी-20 में छह विकेट लिए हैं लेकिन चाहर की कामयाबी इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने हैट्रिक के साथ यह सफलता हासिल की और सबसे कम रन देकर छह विकेट हासिल किए.

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