आपको याद होगा रोहन गावस्कर की. रोहन महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर के बेटे हैं. मीडिया और फैंस ने उनकी तुलना गावस्कर से कर दी. लोगों की उम्मीदें उनसे बढ़ गईं. रोहन ने 2012 में क्रिकेट के हर फॉर्मेट को अलविदा कह दिया.

हालांकि इस खिलाड़ी का घरेलू करियर अच्छा रहा और उन्होंने 117 फर्स्ट क्लास मैच में 6938 रन बनाए लेकिन इसके बावजूद भी वो अंतरराष्ट्रीय करियर आगे नहीं बढ़ा सके. ऐसा बिल्कुल नहीं था कि रोहन गावस्कर का खेल बहुत बुरा था लेकिन बस उनकी तुलना और उम्मीदों ने पूरा करियर तबाह कर दिया.

आईसीसी रैंकिंग में भारतीय टीम विश्व की नंबर 1 टीम है. इस मैच में सबकी नजरें टिकी थीं रोहित शर्मा पर. उसका कारण था कि वो पहली बार टेस्ट टीम की अगुवाई करने जा रहे थे. मौका भी अच्छा था अपनी ही धरती पर मेहमानों को पटखनी देने का. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम टेस्ट मैच में पहली बार ओपनिंग करने उतरे रोहित शर्मा ने शानदार 176 रनों की पारी खेली. वनडे क्रिकेट में ओपनिंग की जिम्मेदारी संभालने के बाद दमदार प्रदर्शन करने वाले रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में भी मिले मौके को पूरे तरीके से भुनाया.

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रोहित शर्मा की टेस्ट ओपनर के तौर पर 176 रनों की दमदार पारी के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी तुलना और वीरेंद्र सहवाग से की. हालांकि, रॉबिन उथप्पा इस राय से इत्तिफ़ाक़ नहीं रखते। रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग की टेस्ट ओपनर के रूप में तुलना किए जाने पर रॉबिन उथप्पा ने कहा, 'दोनों की तुलना करना सही नहीं है, उनकी बल्लेबाजी की अपनी शैली है. सहवाग और रोहित दोनों आक्रामक हैं और यही एक कॉमन बात है. सहवाग गेंद पर ज्यादा आक्रामण करते थे वहीं रोहित इसे सम्मान देते हैं. जिस तरह से रोहित शर्मा शॉट खेलते हैं वह सहवाग से काफी अलग है.'

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